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बिन तुम्हारे नही कोई कन्हैया मेरा





बिन तुम्हारे नही कोई कन्हैया मेरा।
(एक लड़की जिसका भाई नही है
की कल्पना कर गीत लिखा है।)
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बिन तुम्हारे नही कोई,कन्हैया मेरा।
लाज रख दोज है आजा भैया मेरा।

लोग कहते तेरा कोई भाई नही।
तू  मेरा  भाई  है  मै पराई नही।
तुमको भाई हमेशा रही मानती,
कैसे कहदूं तू मेरा कन्हाई नही।

आप आए नही,तो मैं मर जाऊंगी,
मानती आज भी ,बृजबसैया मेरा।
बिन तुम्हारे,,,,,,,,

द्रौपदी  चीर तुमने, बढ़ाया प्रभु।
कुब्जाको रूपवंती बनाया प्रभु।
होनेसे कोई रिस्ता कभी न हुआ,
मानने से ही रिस्ता मनाया प्रभु।

राधाके तुम नही,प्रेम के बस में तुम,
सचमुच  मेरा है, राधा निभैया मेरा।
बिन तुम्हारे,,,,,,,,

मीरा रानी दिवानी अजर हो गई।
मीरा पीके जहर भी अमर हो गई।
भक्ति में लीन होकर लगी नाचने,
मुहँ समाई न जाने किधर खो गई।

शर्त'निर्मल'सी सुन आगए श्याम जी,
टीका  करवाया  बंशी  बजैया  मेरा।
बिन तुम्हारे,,,,,,,,,,,,,

सीताराम साहू'निर्मल'छतरपुर मप्र ।



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1 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2023 02:07 PM

👌👏

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